बिलासपुर। नगरीय निकाय याने कि महापौर और अध्यक्ष पद के लिए लगे 6 याचिका मा संयुक्त सुनवाई आज हाईकोर्ट के डबल बेंच वन हर करिस। चीफ़ जस्टिस रामचंद्रन और जस्टिस पी. पी. साहू के बेंच हर ये मसला मा याचिकाकर्ता मन कोती ले बहस सुनिस। डीबी बेंच वन हा ये मसला उपर सुनवाई के अगली तारीख 28 नवंबर तय करत हुए निर्देश घलो दे हावय कि, एमा विस्तार से सुनवाई के जरूरत हावय अउ सबो पक्ष अपन रिकॉर्ड पेश करंय।
याचिकाकर्ता मन के अधिवक्ता प्रतीक शर्मा हर याचिका के समर्थन मा दलील देते हुए कोर्ट से कहिन कि “ये संविधान के ख़िलाफ़ हे, जो ऑर्डिनेंस लाए गेहे, ओखर से आदेश हर क़ानून के रुप मा लागू हो गेहे। विधिक संकट खड़ा होगे हवय। ये अध्यादेश काहत हे कि, महापौर या अध्यक्ष उही कहलाही जउन हा पार्षदमन द्वारा चुने जाही। अइसन मा जब अभी चुनाव नइ होय हावय और अध्यादेश प्रभावी हावय ता ये महापौर या अध्यक्ष मन ला का केहे जाही..
साथ ही राज्य के दू निगम मा चुनाव 2020 में होवइया हावय,त फेर का उहां जनता द्वारा निर्वाचित महापौर अउ पार्षद मन ला हटा दे जाही। एखर अलावा इहू बात हावय कि… ये अध्यादेश हा मतदाता के उहू मौलिक अधिकार ख़त्म करत हावय, जउन मा ओहर प्रत्याशी ला जाने–समझे के पूरा हक़ रखत हावय।
ए डाहर एमा कोर्ट के दलील हावय कि- ये हर राज्य के अधिकार आय। चाहे तो ओहर नियम बदल सकत हे। हमन तो संविधान नियम के पालन करत हुए ही ए फैसला ला ले हवन।
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