रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार हा प्रदेस के लोगन मन ला सबो किसम ले छत्तीसगढ़ियापन के अहसास कराना चाहथे, एकर बर इहां के तीज-तिहार मन ला हमर परंपरा के अनुसार अउ बहुत अच्छा ढंग ले मनाए जावत हे। हरेली के बाद अब तीजा-पोरा के तिहार ला घलो सरकार हा धूमधाम ले मनाही। लइका मन बर नंदिया-बइला अउ तीजहारिन मन बर करूभात के व्यवस्था करे जाही। एकर पूरा रूपरेखा राज्य सरकार हा बना डरे हे।
छत्तीसगढ़ के समृद्धि के तिहार पोरा 30 अगस्त के मनाए जाही। अउ एक सितंबर के तीजा के तिहार मनाए जाही। तीजा के तिहार म महिला मन सादा जेवन के संग करेला के साग खाथें। जेला करू भात केहे जाथे। तीजा के निरजला उपास सुरू करे के पहिली करू भात खाए के अपन अलग महत्व हे। करू भात हा तन-मन के संगे-संग जिनगी के करूपन का घलो दूरिहाथे।
ये कठिन ब्रत ला ध्यान म रखके सरकार हा ए दरी अनोखा आयोजन करे बर जावत हे। एमा एक स्थान म उंकर करू भात के व्यवस्था करे जाही। ए उदरान गाना-बजाना अउ संगीत के कार्यक्रम घलो होही।
पोरा के दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हा सीएम हाउस ले बइला धर के निकलहीं। उंकर पाछू-पाछू लगभग 80 ठन बइला चलहीं। सजे-धजे बइला मन ला 20-20 के टोली म बांटके चलाए जाही। लगभग 600 लइका मन माटी के नंदिया बइला दउड़ाहीं। ये कार्यक्रम सीएम हाउस ले संस्कृति विभाग के कार्यालय तक चलही।
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