रायपुर । कोयलीबेड़ा ब्लॉक के जिरामतराई गांव के लोगन मन एक अरसा ले प्रसासन ले पुल अउ बिजली के मांग करत हवय। लेकिन ये दूनों सुविधा नइ मिल पाइस। बिजली के नाम म विभाग ह खंभा जरूर गांव म पटक दिस। ये खंभा मन के उपयोग बिजली बिभाग त नइ कर पाइस लेकिन मजबूरी के चलत गांववाला मन ह बेकार पड़े बिजली के पोल ल नाला म बिछाके जुगाड़ के पुल बना डालिस। दरअसल गांव के बीच पड़इया ये नाला म बससात के बेरा म बाढ़ रहत हे जेखर वजह ले लइका मन ल अपन जान म खेल के नाला पार करना पड़त रहय। तब जाके वो मन स्कूल पहुंच पात रहिन हे। उहें ये पुल ह कोयलीबेड़ा ब्लॉक ऑफिस ले 6 पंचायत मन ल जोड़ दिस हे।
मामला कांकेर जिला के नक्सल प्रभावित कोयलीबेड़ा ब्लॉक के जिरामतराई गांव के हे। ये गांव ह जिला मुख्यालय ले 115 किलोमीटर दूर हे। गांव वाले मन पिछु के डेढ़ दसक ले नाला म पुल बनाय के गुहार लगात रहिन हे, हुक्मरान मन ले लेके साहब मन तक फरियाद करे गिस, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात रहिस हे।
अब कोयलीबेड़ा ब्लॉक के जिरामतराई गांव के लोगन मन ह बिजली के खंभा मन के इस्तेमाल कर के नाला म पुल बना डाले हे। गांव म बिजली पहुंचा. बर ये खंभा मन ल इहां लायगे रहिस हे, लेकिन लाख फरियाद के बाद जब न त गांव म बिजली पहुंच पाइस अउ न ही नाला म पुल बना पाइस, त हारके गांव वाला मन ह बिजली के खंभा मन ले खुद ही पुल बना डालिस।
कमोबेस इही हाल गांव ल रोसन करे के सरकारी दावा मन के घलो हे। बिजली के पोल त जाने कब के लाके रखे हुए हे, लेकिन गांव वाला मन ल बिजली के इंतजार आज घलो हे। गांववाला मन ह पहिली ले त कई दिन तक इंतजार करिस। बार-बार सरकारी दफ्तर मन के चक्कर लगाइस। अफसर मन के नाला म पुल बनाय के गुहार लगाइस। लेकिन जब सरकारी बाबु मन के कान म जूं तक न रेंगिस त गांववाला मन ह कुछ अइसे करिन के जेखर सायद ही कोना ल उम्मीद रहे होही।
सुराज लाय के दावा मन के खुलिस पोल
ये ग्रामीन मन के मजबूरी म कर गे मेहनत के ही नतीजा हे। बारिस के महीना म जिहां कोयलीबेड़ा पंचायत के छह गांव एक दूसर ले कट जात रहिन हे, उहें अब इहां के लोग बिना कोनो दिक्कत ले एक दूसर ले मुलाकात कर उंखर मदद करत हे। लइका बिना जोखिम के उठाय स्कूल जात हवय। गांववाला मन के ये प्रयास ले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश के हर गांव म बिजली पहुंचाय अउ मुख्यमंत्री रमन सिंह के सूबा म सुराज लाय के दावा मन के पोल खोल के रख दीस हे।
अउ ये तरह ले बना डारिस जुगाड़ के पुल
रायपुर । कोयलीबेड़ा ब्लॉक के जिरामतराई गांव के लोगन मन एक अरसा ले प्रसासन ले पुल अउ बिजली के मांग करत हवय। लेकिन ये दूनों सुविधा नइ मिल पाइस। बिजली के नाम म विभाग ह खंभा जरूर गांव म पटक दिस। ये खंभा मन के उपयोग बिजली बिभाग त नइ कर पाइस लेकिन मजबूरी के […]
July 21, 2018
2 Mins Read
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रायपुर । कोयलीबेड़ा ब्लॉक के जिरामतराई गांव के लोगन मन एक अरसा ले प्रसासन ले पुल अउ बिजली के मांग करत हवय। लेकिन ये दूनों सुविधा नइ मिल पाइस। बिजली के नाम म विभाग ह खंभा जरूर गांव म पटक दिस। ये खंभा मन के उपयोग बिजली बिभाग त नइ कर पाइस लेकिन मजबूरी के […]
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रायपुर । कोयलीबेड़ा ब्लॉक के जिरामतराई गांव के लोगन मन एक अरसा ले प्रसासन ले पुल अउ बिजली के मांग करत हवय। लेकिन ये दूनों सुविधा नइ मिल पाइस। बिजली के नाम म विभाग ह खंभा जरूर गांव म पटक दिस। ये खंभा मन के उपयोग बिजली बिभाग त नइ कर पाइस लेकिन मजबूरी के चलत गांववाला मन ह बेकार पड़े बिजली के पोल ल नाला म बिछाके जुगाड़ के पुल बना डालिस। दरअसल गांव के बीच पड़इया ये नाला म बससात के बेरा म बाढ़ रहत हे जेखर वजह ले लइका मन ल अपन जान म खेल के नाला पार करना पड़त रहय। तब जाके वो मन स्कूल पहुंच पात रहिन हे। उहें ये पुल ह कोयलीबेड़ा ब्लॉक ऑफिस ले 6 पंचायत मन ल जोड़ दिस हे।
मामला कांकेर जिला के नक्सल प्रभावित कोयलीबेड़ा ब्लॉक के जिरामतराई गांव के हे। ये गांव ह जिला मुख्यालय ले 115 किलोमीटर दूर हे। गांव वाले मन पिछु के डेढ़ दसक ले नाला म पुल बनाय के गुहार लगात रहिन हे, हुक्मरान मन ले लेके साहब मन तक फरियाद करे गिस, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात रहिस हे।
अब कोयलीबेड़ा ब्लॉक के जिरामतराई गांव के लोगन मन ह बिजली के खंभा मन के इस्तेमाल कर के नाला म पुल बना डाले हे। गांव म बिजली पहुंचा. बर ये खंभा मन ल इहां लायगे रहिस हे, लेकिन लाख फरियाद के बाद जब न त गांव म बिजली पहुंच पाइस अउ न ही नाला म पुल बना पाइस, त हारके गांव वाला मन ह बिजली के खंभा मन ले खुद ही पुल बना डालिस।
कमोबेस इही हाल गांव ल रोसन करे के सरकारी दावा मन के घलो हे। बिजली के पोल त जाने कब के लाके रखे हुए हे, लेकिन गांव वाला मन ल बिजली के इंतजार आज घलो हे। गांववाला मन ह पहिली ले त कई दिन तक इंतजार करिस। बार-बार सरकारी दफ्तर मन के चक्कर लगाइस। अफसर मन के नाला म पुल बनाय के गुहार लगाइस। लेकिन जब सरकारी बाबु मन के कान म जूं तक न रेंगिस त गांववाला मन ह कुछ अइसे करिन के जेखर सायद ही कोना ल उम्मीद रहे होही।
सुराज लाय के दावा मन के खुलिस पोल
ये ग्रामीन मन के मजबूरी म कर गे मेहनत के ही नतीजा हे। बारिस के महीना म जिहां कोयलीबेड़ा पंचायत के छह गांव एक दूसर ले कट जात रहिन हे, उहें अब इहां के लोग बिना कोनो दिक्कत ले एक दूसर ले मुलाकात कर उंखर मदद करत हे। लइका बिना जोखिम के उठाय स्कूल जात हवय। गांववाला मन के ये प्रयास ले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश के हर गांव म बिजली पहुंचाय अउ मुख्यमंत्री रमन सिंह के सूबा म सुराज लाय के दावा मन के पोल खोल के रख दीस हे।
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