नरुआ, गरुआ अऊ बारी

विशेष लेख: कईसे बहुरहि घुरुआ के दिन…..

खोमेन्द्र देशमुख. छत्तीसगढ़ के ए पुराना कहावत हे कि घुरुआ के दिन घलो बहुरथे…। याने कि अईसन चीज जेखर कोनों महत्व ल नई समझिस तेखर थोड़किन दिन बाद अब्बड़ महत्व ह बाढ़ जाथे। इही हाल अब छत्तीसगढ़ म अब खुदेच घुरुआ के होए बर हे। घुरुआ भर नहीं बल्कि ओखर संग नरवा, गरुआ अऊ बारी के […]

February 7, 2019 2 Mins Read

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