दीपक बावनकर@रायपुर छत्तीसगढ़ी सिनेमा के आगाज वईसे तो १९६५ म होगे रिहिस लेकिन ओला इंडस्ट्रीज के रूप मिलिस २००० म जब फिलिम मोर छैईया भुइयां प्रदर्शित होईस , ओखर बाद फिलिम बने के सिलसिला शुरू होगे , बड अकन फिलीम बन गे लेकिन चलिस नई अऊ जईसे प्रतिसाद के उम्मीद रिहिस नई मिलिस ,अतेक फिलिम […]
दीपक बावनकर@रायपुर किसी फिल्म में मैंने सुना था कि फिल्मे तीन वजह से चला करती है इंटरटेनमेंट, इंटरटेनमेंट और इंटरटेनमेंट. ये बात आज सही भी नजर आ रही है . काबर कि कोनो भी फिलिम ल मनोरंजक बनाए म अगर काखरो हाथ होथे त वो हे फिल्म के निर्देशक अऊ वो हे सतीश जैन . सतीश […]
सतीश जैन निर्देशित छत्तीसगढ़ी फिलिम हंस झन पगली ह अपन पचास दिन पूरा कर ले हे, सबले खास बात ये हे कि ये फिलिम ह अपन सब्बो साठ सेंटर के संगे संग मल्टीप्लेक्स म ये रिकॉर्ड कायम करे हे। ये मउका म फिलिम के सब्बो कलाकार मन श्याम टॉकीज म सकलाइन अउ ये सफलता ल […]
ये बात सौ प्रतिशत सत्य हे कि बड़ दिन बाद कोनो छत्तीसगढ़ी फिलिम सुपरहिट के तमगा अपन नाम कर पाईस ये फिलिम हावे “हंस झन पगली फंस जबे” ये ह अपन 50 वाँ दिन कोति अग्रसर हवे। 14 जून के रिलीज होइस ये फिलिम ला दर्शक मन के प्यार अउ दुलार आज भी मिलत हे, […]